राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत नर्मदापुरम में पांच दिवसीय कृषि सखी प्रशिक्षण के द्वितीय बैच का शुभारंभ

“पहला सुख निरोगी काया ही राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती का मुख्य उद्देश्य है” — श्री उपेंद्र कुमार शुक्ला

 राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत आज नर्मदापुरम जिले में पांच दिवसीय (4 से 8 अक्टूबर) आवासीय कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम की रूपरेखा एवं अतिथि स्वागत वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. संजीव कुमार गर्ग द्वारा किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्य, कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र पवारखेड़ा श्री उपेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि “पहला सुख निरोगी काया” ही प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पोषणयुक्त भोजन और स्वस्थ जीवन के लिए पुनः प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी स्वस्थ रहें और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सके।

आत्मा परियोजना के सहायक संचालक श्री गोविंद मीणा ने कहा कि कृषि सखी किसानों और वैज्ञानिकों के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो इस राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की सफलता में अहम भूमिका निभाने जा रही हैं। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तथा मिशन की विस्तृत जानकारी दी।

प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. संजीव कुमार गर्ग ने प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती न केवल मानव स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाती है बल्कि मृदा की उर्वरता को पुनः जीवित करती है। और हमारे प्राकृति की जैव विविधता के बिना जीवन संभव नहीं है साथ उन्होंने जीवामृत, घनजीवामृत एवं अन्य जैविक घटकों में मौजूद करोड़ों जीवाणु मृदा के लिए वरदान सिद्ध होते हैं, जो प्राकृतिक खेती की आत्मा हैं।

मंच संचालन डॉ. प्रवीण सोलंकी द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन डॉ. राजेंद्र पटेल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था केंद्र के सहायक श्री सुमित चौरे द्वारा की गई।

प्रशिक्षण में नर्मदापुरम जिले के चार विकासखंड — नर्मदापुरम, सिवनी मालवा, केसला एवं माखननगर — से कुल 54 कृषि सखी सम्मिलित हुईं। इनके साथ प्रत्येक विकासखंड के प्रभारी ब्लॉक तकनिकी प्रवंधक और सहायक तकनीकी प्रवंधक भी प्रशिक्षण में उपस्थित रहे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आने वाले दिनों में कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार में सशक्त भूमिका निभाने हेतु प्रेरित करेगा तथा जिले में स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम सिद्ध होगा।

मधुमक्खी पालन से मीठी क्रांति  

(तिलहन उत्पादन के साथ बढ़ेगा शहद उत्पादन होगा अधिक मुनाफा)

किसानों की आय बढ़ाने और खेती को अधिक लाभकारी बनाने के उद्देश्य से  कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर एवं जिला उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) के तत्वाधान में दो दिवसीय जिला स्तरीय मधुमक्खी पालन विषय पर सेमिनार सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, 

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर के कीट वैज्ञानिक डॉ. ब्रजेश कुमार नामदेव,  कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. संजीव कुमार गर्ग सहित उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ उद्यान अधिकारी पवन रघुवंशी, श्री आनंद पटेल (उत्कृष्ट मधु पालक एवं एक्सपर्ट, भोपाल), अवि मुंद्रा (युवा मधु मक्खीपालक एवं उधमी, नीमच),  मृत्युंजय रॉय (युवा मधुमक्खी पालक एवं उधमी, इटारसी) एवं जिलेभर से लगभग दो सौ किसानों एवं युवाओं ने भाग लिया।

पहले दिन कार्यक्रम मे न्यास के सदस्य श्री मनोज जी राय ने मधुमक्खी पालन मे प्राकृतिक खेती की भूमिका कर मार्गदर्शन प्रदान किया,  श्री आनंद पटेल  ने मधुमक्खी पालन की वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन, प्रजातियों, आवास की जानकारी दी। युवा मधुमक्खी पालक एवं उधमी श्री मृत्युंजय रॉय ने मधुमक्खी पालन में उपयोग होने बाले विभिन्न उपकरण एवं शहद प्रसंस्करन की जानकारी दी | ब्रजेश कुमार नामदेव ने पावर पॉइंट  के माध्यम से वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन एवं तिलहन फसलो के अधिक उत्पादन में मधु मक्खी की भूमिका के बारे में  विस्तृत मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम मे प्रगतिशील किसान श्री गोपाल कुशवाहा श्री बाल किसान कुशवाहा एवं श्री देवेंद्र पटेल भी उपस्थित रहे।

कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंद नगर बनखेड़ी में मशरूम प्रायोगिक प्रशिक्षण आयोजित
कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंद नगर बनखेड़ी द्वारा किसानों और युवाओं के लिए मशरूम प्रायोगिक प्रशिक्षण का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण आत्मनिर्भरता एवं आयवृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन की संपूर्ण तकनीकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षक डॉ. आकांक्षा पाण्डेय (आहार एवं पोषण विशेषज्ञ) ने विस्तार से मार्गदर्शन प्रदान करते हुए बताया कि मशरूम उत्पादन न केवल पोषण का उत्तम स्रोत है बल्कि किसानों एवं युवाओं के लिए अतिरिक्त आय का बेहतर साधन भी है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को व्यावहारिक रूप से निम्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया –
🔹 स्पॉन बनाना
🔹 बटन मशरूम कल्टीवेशन
🔹 ऑयस्टर मशरूम कल्टीवेशन
🔹 मिल्की मशरूम कल्टीवेशन
🔹 फार्म डिजाइन एवं प्रबंधन
डॉ. आकांक्षा पाण्डेय ने समझाया कि मशरूम में प्रोटीन, खनिज एवं विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो कुपोषण निवारण एवं पोषण सुरक्षा में सहायक हैं। साथ ही कम लागत और अल्प समय में उत्पादन की संभावना इसे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और उद्यमिता के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती है।
इस प्रशिक्षण में शामिल हुए किसानों और युवाओं ने बताया कि इस तरह के व्यावहारिक प्रशिक्षण से उन्हें नई तकनीक अपनाने का आत्मविश्वास मिलता है और वे मशरूम उत्पादन को आयवृद्धि के साधन के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं।

राष्ट्रीय खाद्य तेल - तिलहन मिशन (NMEO-OS) के अंतर्गत तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषक प्रशिक्षण का आयोजन -

भारी बरसात के बीच मे कृषि विशेषज्ञ कर रहे किसानो से संवाद केसला ब्लॉक में कृषि एवं स्वच्छता विषयक सामूहिक भ्रमण संपन्न कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर की टीम द्वारा केसला विकासखंड में एक दिवसीय सामूहिक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पोषण विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा पाण्डेय, कीट प्रबंधन विशेषज्ञ ब्रजेश नामदेव एवं शस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र पटेल सम्मिलित रहे। ग्राम भ्रमण एवं कृषक प्रशिक्षण टीम ने ग्राम झुनकर, चनागढ़ एवं जामुनिया में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन (FLD) अंतर्गत चयनित किसानों को तिल की उन्नत किस्मों एवं उत्पादन तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर ब्रजेश जी ने मक्का उत्पादक किसानों को फॉल आर्मी वर्म की पहचान, लक्षण एवं समुचित प्रबंधन तकनीकों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। महिला किसानों को स्वच्छता संबंधी जागरूकता हेतु डॉ. पाण्डेय ने गांव की महिला किसानों को वर्षा ऋतु के दौरान साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने घर के आस-पास जलभराव एवं कचरा एकत्रित होने से उत्पन्न बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया आदि के प्रति सतर्क रहने हेतु प्रेरित किया। अंत मे डॉ. पटेल द्वारा किसानो को खरपतवार प्रबंधन पर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस भ्रमण के माध्यम से किसानों को न केवल वैज्ञानिक तकनीकी ज्ञान मिला, बल्कि स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई, जो सतत कृषि विकास में सहायक सिद्ध होगी।

राष्ट्रीय खाद्य तेल - तिलहन मिशन (NMEO-OS) के अंतर्गत तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषक प्रशिक्षण का आयोजन -

कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर, नर्मदापुरम द्वारा संकुल अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन – तिलहन, राष्ट्रीय खाद्य तेल - तिलहन मिशन (NMEO-OS) वर्ष - 2025-26 के अंतर्गत सिवनीमालवा ब्लोक के ग्राम भेरोपुर एवं जीरावाह में कृषक प्रशिक्षण सह आदान वितरण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 16 एवं 18 जून को किया गया, कार्यक्रम में किसानो को सोयाबीन की वैज्ञानिक खेती के बारे में विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की गई, इस कार्यक्रम में परियोजना के नोडल अधिकारी ब्रजेश कुमार नामदेव द्वारा किसानो को परियोजना की विस्तृत जानकारी देने के साथ साथ मृदा परिक्षण का महत्त्व, मृदा नमूना लेने की विधि, फसल की नवीन किस्मो, बीज उपचार की जानकारी प्रदान की, वैज्ञानिक राजेन्द्र पटेल द्वारा सोयबीन में खरपतवार प्रबंधन, मृदा परिक्षण आधारित पोषक तत्व प्रबंधन, एवं फसलो में पोषक तत्वों के महत्त्व की जानकारी किसानो को दी, तत्पश्चात डॉ संजीव कुमार गर्ग प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा सोयबीन बुबाई की विधियो की जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान की गई इस कार्यक्रम में उन्नत तकनिकी प्रदर्शन हेतु 125 किसानो का चयन किया गया एवं आदान सामग्री में बीज बीज उपचार हेतु ट्राईकोडर्मा, पी.एस.बी. (स्फुर घोलक जीवाणु) कल्चर प्रदान किया गया, प्रशिक्षण कार्यक्रम सह आदान वितरण कार्यक्रमों में लगभग 100 किसानो ने सहभागिता की |