दसवी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति (SAC) की बैठक आयोजन
बैठक की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीपप्रज्वलन एवं अतिथियों का स्वागत कर मोमेंटो भेंटकर की गई। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. संजीव कुमार गर्ग ने खरीफ 2025 की प्रगति तथा रबी 2025-26 की कार्ययोजना का PPT के एवं बैठक में प्राप्त सुझावों पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। केंद्र के प्रमुख डॉ. संजीव कुमार गर्ग ने इस वर्ष खरीफ 2025 में केंद्र द्वारा 25 किसानो के यहाँ मूंगफली का अभिनव प्रयोग किया गया, जिसमे किसानो को परम्परागत फसलों के अलावा मूंगफली से दोगुनी आय प्राप्त हुई एवं किसानो के यहाँ रेज्ड बेड पर उन्नत किस्म का सोयाबीन लगाकर अधिक वर्षा होने पर भी अधिक उत्पादन लिया गया एवं साथ ही केंद्र द्वारा कम दिन की धान की जे.आर-21 किस्म का अभिनव प्रयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त किया एवं उन्होंने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन, जैविक खेती, मृदा परीक्षण, जैविक कीट प्रबंधन, उन्नत प्रजातियों एवं व्यावसायिक फसलों के प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण से संबंधित प्रगति प्रस्तुत की तथा केंद्र की रबी 2025-26 हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में आभासी रूप से जुड़े डॉ. टी.आर. शर्मा ने अपने उद्बोधन में सुझाव दिया कि नरवाई प्रबंधन के लिए किसानो द्वारा बुवाई में उपयोग की जा रही हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर मशीन में आ रही समस्यों का एवं उसमे क्या बदलाव चाहते है उनका किसानो से फीड लेना चाहिए साथ ही उन्होने नेनो डीएपी का उपयोग बीज उपचार कर उसकी मात्रा निश्चित कर अपने प्रक्षेत्र पर तकनीकी प्रदर्शन करने की सलाह दी गई।
बैठक में आभासी रूप से जुड़े भा.कृ.अनु.प.– कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने कहाँ कृषि विज्ञान केंद्र की तारीफ करते हुए कहाँ की यह केंद्र प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार एवं इसे बढावा देने के लिए बहुत ही उत्तम कार्य कर रहा है साथ ही उन्होंने अपने सुझाव में आहार एवं पोषण सम्बन्धी OFT मे पूर्व अवलोकन रिपोर्ट लगाना, नेनो डीएपी का उपयोग बीज उपचार में करना एवं तरल जैव उर्वरक में उपलब्ध सूक्ष्मजीवों की स्पष्ट जानकारी देने पर जोर दिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. ऐ. के राउत ने सीड हब में नई किस्मों का उत्पादन बढ़ाने, पीएम धन-धान्य योजना एवं दलहन मिशन के लिए किसानों को जागरूक करने तथा दलहन के घटते रकबे को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया।
उपसंचालक कृषि, श्री जे.आर.हेडाऊ ने अपने उद्बोधन में कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र किसानों के बीच नई तकनीकों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने नरवाई प्रबंधन हेतु हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानो को अधिक से अधिक जागरूक एवं प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा गया।
बैठक के अंत में कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष, श्री अनिल अग्रवाल ने सभी को शुभकामना देते हुए कहाँ की सभी को मिल जुलकर कर कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यो को आगे बढ़ाना चाहिए इस हेतु सभी का समय-समय पर मार्गदर्शन मिलते रहना चाहिए।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक श्री ब्रजेश कुमार नामदेव, डॉ. देवीदास पटेल, डॉ. आकांक्षा पांडे, श्री राजेन्द्र पटेल, डॉ. प्रवीण सोलंकी, श्री विकास मोहरीर, श्री राहुल माझी, श्री अभय वराठे सहित समस्त स्टाफ तथा जिले के प्रगतिशील किसान श्री जवाहर चौधरी, श्री गोपाल कुशवाह, श्री महेंद्र राठौर एवं महिला किसान श्रीमति पूजा पंदराम उपस्थित रही।
कार्यक्रम के अंत मे आभार प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ संजीव कुमार गर्ग द्वारा किया गया।
ग्राम मंगरिया में नरवाई प्रबंधन पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर में पधारे श्री राम रघुवंशी जी, गौ अनुसंधान केंद्र में की गौ माता की पूजा
कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर में संपन्न हुई नवमी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक
कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर, नर्मदापुरम में आज दिनांक 03 जुलाई 2025 को नवमी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति (SAC) की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से पधारे प्रधान वैज्ञानिक डॉ. टी.आर. शर्मा जी उपस्थित रहे , बैठक में जिले के प्रमुख विभागीय अधिकारी एवं संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री गोविंद मीणा, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी डॉ. उपमा रावत, ब्लॉक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय सराठे, मत्स्य विभाग इटारसी से श्री अभिषेक कौरव, भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास के सहसचिव श्री केशव माहेश्वरी, प्रबंधक श्री धर्मेन्द्र जी गुर्जर , न्यास के विशेष आमंत्रित सदस्य श्री विवेक माहेश्वरी, श्री अनिल बरोलिया एवं श्री मनोज राय शामिल रहे।
बैठक की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों का स्वागत कर श्रीफल एवं मोमेंटो भेंटकर की गई। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. संजीव कुमार गर्ग ने स्वागत भाषण देते हुए वर्ष 2024-25 की आठवीं बैठक में प्राप्त सुझावों पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन, जैविक खेती, मृदा परीक्षण, जैविक कीट प्रबंधन, उन्नत प्रजातियों एवं व्यावसायिक फसलों के प्रचार-प्रसार से संबंधित प्रगति साझा की। साथ ही खरीफ 2025 हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी गई।
डॉ. टी.आर. शर्मा ने अपने उद्बोधन में सुझाव दिया कि “OFT एवं FLD” क्रियान्वयन से पूर्व किसानों की वर्तमान स्थिति का अवलोकन अत्यंत आवश्यक है, जिससे तकनीकी हस्तक्षेप का प्रभाव स्पष्ट रूप से आंका जा सके। उन्होंने प्राकृतिक खेती के घटकों पर भी गहन अवलोकन कर योजनाएं बनाने का परामर्श दिया।
बैठक में आभासी रूप से जुड़े भा.कृ.अनु.प.– कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के निदेशक डॉ. एस.आर.के. सिंह ने कहाँ की किसान खरीफ में रासायनिक दबाओ का कैसे कम उपयोग करे इसके लिए किसानो को जागरूक करना चाहिए तथा ड्रोन का प्रयोग किसान अधिक से अधिक करे इसके लिए भी जागरूकता कार्यक्रम करना चाहिए | आईएबीएम, जेएनकेवीवी जबलपुर के निदेशक डॉ. मोनी थॉमस ने भी समिति को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। बैठक में न्यास के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल, सदस्य श्री भूपेंद्र सिंह पटेल सहित अन्य गणमान्य जन वर्चुअली शामिल हुए।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक श्री ब्रजेश कुमार नामदेव, डॉ. देवीदास पटेल, डॉ. आकांक्षा पांडे, श्री राजेन्द्र पटेल, डॉ. प्रवीण सोलंकी, श्री विकास मोहरीर, श्री राहुल माझी, श्री अभय वराठे सहित समस्त स्टाफ तथा जिले के प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
बैठक का उद्देश्य वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों एवं किसानों के मध्य संवाद स्थापित कर कृषि विकास की दिशा में संयुक्त प्रयासों को गति देना था। बैठक समापन पर सभी उपस्थितजनों ने केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और उपयोगी सुझाव साझा किए।