कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) गोविंदनगर में जैव नियंत्रक प्रयोगशाला (Bio-control Lab) स्थापित है। इसका उद्देश्य किसानों को फसल सुरक्षा में रासायनिक कीटनाशकों के बजाय जैविक उपायों की ओर प्रोत्साहित करना है। यहाँ विभिन्न प्रकार के लाभकारी सूक्ष्मजीव और परजीवी-भक्षक कीटों का उत्पादन किया जाता है, जिनका उपयोग करके खेतों में कीटों और बीमारियों का प्रबंधन किया जाता है।
जैव नियंत्रक लैब से होने वाले लाभ व कामकाज
परजीवी व भक्षक कीटों का उत्पादन
Trichogramma (परजीवी ततैया) – यह तना छेदक, फल छेदक जैसे कीटों के अंडों को नष्ट करता है।
Chrysoperla carnea (हरी लेसविंग) – यह सफेद मक्खी, एफिड्स, थ्रिप्स जैसे रसचूसक कीटों को खाता है।
लाभकारी फफूंद (Bio-fungicides)
Trichoderma viride / Trichoderma harzianum – यह मृदा जनित रोग जैसे डैम्पिंग ऑफ, जड़ गलन, तना सड़न आदि को कम करता है।
Pseudomonas fluorescens – यह बीज व जड़ों को रोगों से बचाता है और फसल को स्वस्थ रखता है।
लाभकारी जीवाणु (Bio-pesticides & Bio-fertilizers)
Beauveria bassiana, Metarhizium anisopliae – यह कीटों (जैसे की दीमक, पत्ती खाने वाले गिडार) को संक्रमित कर मारते हैं।
Bacillus thuringiensis (Bt) – यह लार्वा (इल्ली) को नियंत्रित करता है।
किसानों को लाभ
खेतों में कीटनाशक रसायनों का उपयोग कम होता है।
मिट्टी की उर्वरता और सूक्ष्मजीव संतुलन बना रहता है।
उत्पादन लागत घटती है और फसल का स्वास्थ्य सुधरता है।
जैविक व अवशेष-रहित (Residue-free) फसल उत्पादन संभव होता है।
👉 इस प्रकार, KVK गोविंदनगर की जैव नियंत्रक लैब किसानों को सस्ते, पर्यावरण हितैषी और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराती है, जिससे फसलें कीट व रोगों से सुरक्षित रहती हैं और स्वास्थ्य व पर्यावरण पर बुरा असर नहीं पड़ता।